Wednesday 22 August 2018

Poem which inspire me

My Elder sister write this poem to inspire me!!
after reading this i really inspire to do something right.

This Poem i will share with all of you, read this and have some confident in yourself.

दिल में जज्बात का समंदर लिए ..
कभी इठलाते कभी आँखों से आँशु छलकाते..
मानो खुदा ने सच्चे मोती से पिरोये ये मोती  ..
कभी कही कभी अनसुनी दस्ता हैं बनाते..
ये खुदा के फरिस्ते ..
ये खुदा के फरिस्ते ..

आओ जिले जी भरके मोहब्बत से क्युकी..
मंजिल तय करते जाना हैं अपनी अपनी
किसी की मुश्किलें ज्यादा होंगी और किसी की कम
पर तय करते जाना हैं तय करते जाना हैं
मंजिल मिलेगी हर राही को तू कदम आगे रख तुम खुदा के फरिस्ते ..
ये खुदा के फरिस्ते ..
ये खुदा के फरिस्ते ..

कुछ ऐसा कर जा..
जो मिटाये ना मिटे..
पार कर हर मुश्किल..
देख फिर आसान क्यों नहीं होगा तेरी मुकमल हस्ती..
तू बढ़ निरंतर बढ़ ले खुदा का नाम..
ये मुशाफिर तू बढ़..
बन के उभर आसमान का सितारा..
मुश्किलों में हौसला रख..
फ़तेह कर हर मुकाम..
बन के शान लिख जा अपना नाम..
ये खुदा के फरिस्ते..
ये खुदा के फरिस्ते..


I hope you all like this..

Poem which inspire me

My Elder sister write this poem to inspire me!! after reading this i really inspire to do something right. This Poem i will share with a...